class 9 science notes in hindi medium / chapter 2 / CHS /

[2]                             क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है


 शुद्ध पदार्थ 

रासायन  विज्ञान की दृष्टि से शुद्ध  पदार्थ उसे कहते हैं जिसमें उपस्थित सभी  कण  सामान रासायनिक प्रकृति के हो अर्थात शुद्ध पदार्थ सामान प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है सभी पदार्थ दो या दो से अधिक शुद्ध  अवयवों के संयोग से बने हैं

   जैसे-   समुद्र का जल, खनिज, मिट्टी  इत्यादि

 तत्व

          वह शुद्ध पदार्थ जिसे भौतिक या रासायनिक विधियों द्वारा दो या दो से अधिक सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है और  ना ही उनसे जा सकता है तत्वों कहलाता है इसे राबर्ट वायल ने 1661 में बताया था
 जैसे- लोहा, गंधक,  सोना इत्यादि

                    तत्वों का वर्गीकरण

 धातु

          वह तत्व,जो सामान अभीक्रियाओं में अपने परमाणुओं से एक या एक से अधिक इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं धातु  कहलाते हैं
 जैसे- सोना, चांदी, ताबा आदि

 अधातु

            वह तत्व जो सामान्य अभिक्रियाओ में एक या एक से अधिक इलेक्ट्रान ग्रहण करके ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं अधातु कहलाते हैं
  जैसे-  कार्बोन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि

  उपधातु

           वह तत्व, जिसमें धातु एवं अधातु दोनों के रासायनिक गुणधर्म उपस्थित होते हैं  उपाधातु कहलाते हैं
 जैसे  -आर्सेनिक,  ऐंटीमनी आदि

       तत्वों की विशेषताएँ

              * समान तत्व के सभी परमाणु संघटन एवं गुणधर्म में समान होते हैं
               *  प्रत्येक तत्व का सबसे छोटा स्वतंत्र कण परमाणु होता हैं
               * तत्वों को भौतिक या रासायनिक  प्रक्रियाओ द्वारा पुनः सरल पदार्थ में विभाजित नहीं किया           जा              सकता  हैं
               * समान तत्व के सभी परमाणु संगठन तथा गुणधर्म में समान होते हैं
               * अब तक ज्ञात तत्व की संख्या 118 जिनमें से 27
                  तत्व मानव निर्मित तथा शेष प्राकृतिक है

  यौगिक

              वह पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्व के  गूगलपरमाणु के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग     से  बनाते हैं यौगिक कहलाते हैं
 उदाहरण- जल, कार्बन डाइऑक्साइड इत्यादि

         यौगिक  की विशेषताएं

     * योगिक के बनाने में प्रायः प्रकाश उष्मा  विद्युत )आदि उत्सर्जित होते हैं
    * यौगिक तत्व के निश्चित अनुपात में संयोग के फल स्वरुप बनते हैं
    * यौगिकों को उनके  के अवयवों  में साधारण भौतिक  प्रक्रियाओं द्वारा विभाजित नहीं किया जा सकता       क्योंकि यह प्रबल बंधो द्वारा जुड़े होते हैं
   * प्रत्येक यौगिक शुद्ध एवं समांगी पदार्थ होते हैं
  * यौगिकों  के एक निश्चित गलनांक एवं क्वथनांक होते हैं

       मिश्रण 

  वह अशुद्ध पदार्थ ,जो दो या दो से अधिक विभिन्न  प्रकार के द्रव्यों को किसी भी अनुपात में  देने पर बनते हैं तथा जिनके अवयवों को साधारण भौतिक विधियों द्वारा पृथक किया जा सकता है मिश्रण कहलाते हैं
 जैसे- चीनी तथा जल का मिश्रण, जल तथा  बालू का मिश्रण इत्यादि

               मिश्रण दो प्रकार के होते हैं

1- समांगी मिश्रण

2-  विषमांगी मिश्रण


समांगी मिश्रण

                           वह मिश्रण जिसके प्रत्येक भाग का संगठन तथा गुणधर्म समान हो समांगी मिश्रण कहलाता है 
 जैसे- पानी तथा चीनी का मिश्रण समांगी मिश्रण है

 विषमांगी मिश्रण
     वह मिश्रण जिसका प्रत्येक भाग एक समान नहीं होता इस मांगी मिश्रा कल आता है ईशा की संरचना एक समान नहीं होती है    इसमे मिले दोनों पदार्थों को हम देख सकते हैं 
 जैसे- पानी तथा बालू का मिश्रण विषमांगी मिश्रण हैं

मिश्रण की विशेषता       

*  मिश्रण के  संघटको का अनुपात नहीं होता है     
*  मिश्रण में मूल पदार्थ के सभी गुण विद्यमान होते हैं तथा इन्हें   इनके आ अवयवों मे भौतिक  प्रक्रियाओं द्वरा पृथक किया जा सकता है
*   मिश्रण के बनाने में न तो कोई उष्मा अथवा    प्रकाश उत्सर्जित होता है

 विलयन

               दो या दो से अधिक पदार्थों द्वारा बने समांगी मिश्रण को विलेन कहते हैं
  उदाहरण-   शरबत  नींबू- पानी  आदि

               विलयन  दो प्रकार के होते हैं 

1-      विलायक               2-विलेय

 

  विलायक     

              विलयन का वह अवयव जो अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होता है विलायक कहलाता हैं

 विलेय

           विलयन में विलायक के अतिरिक्त उपस्थित एक या एक से अधिक अवयव जो अपेक्षाकृत कम मात्रा में होते हैं विलेय कहलाते हैं

              नींबू और जल का विलयन

   इसमें जल विलायक है  तथा नींबू विलेय है

                       विलयन के गुण


*  विलयन एक समांगी मिश्रण है जिसमें विलेय तथा  विलायक के कणों का आकार लगभग समान होता है

*  विलयन के कण स्थाई होते हैं अतः विलयन में से विलय के कणों को सामान्य प्रक्रिया द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता हैं


   निलम्बन

                यह एक विषमांगी मिश्रण है तथा इनके करअत्यंत छोटे होते हैं  तथा हम इनके कणों को से देख सकते हैं
   जैसे- धुआ, नदी का  गंदा जल इत्यादि

 कोलाइडी विलियन

                            यह भी एक विषमांगी मिश्रण है  इनके कणों को नग्न आंखों से देख सकते हैं
 जैसे- गोद,   स्याही, रक्त  इत्यादि

 टिंडल प्रभाव

                     कोलाइडी करो द्वारा प्रकाश का  प्रकीर्णन  टिंडल प्रभाव कहलाता है

              मिश्रण के घटकों का पृथक्करण

 अधिकांश प्राकृतिक पदार्थ रासायनिक दृष्टि से शुद्ध नहीं होते हैं मिश्रण होते हैं मिश्रण के घटकों को पृथक करने के लिए विभिन्न प्रकार के विधियां प्रयोग मे लाई जाती हैं ये निम्नलिखित हैं

            1- वाष्पन : वाष्पशील घटक से  आवाज सीन घटक का पृथक्करण

           2  अपकेंद्रीकरण : कोलाइडी कणों का विलयन से पृथक्करण

          3  पृथक कारी की द्वारा पृथक्करण :  दो अमिश्रित द्रव के मिश्रण का पृथक्करण

         4  उर्ध्वपातन

         5  क्रोमैटोग्राफी

        6 आसवन

 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

 भौतिक परिवर्तन

 ऐसे गुण जिनका हम अवलोकन एवं वर्णन कर सकते हैं जैसे रंग कठोरता दृढ़ता बहाव घनत्व क्वथनांक आदि को भौतिक गुण कहा जाता है भौतिक परिवर्तन में कोई नया पदार्थ नहीं बनता है उदाहरण बर्फ का पिघलना  मोम का पिघलना

  रासायनिक परिवर्तन

 रासायनिक परिवर्तन में एक पदार्थ की दूसरी पदार्थ से क्रिया द्वारा रासायनिक संगटन परिवर्तित हो जाता है इसमें क्या अधिक नए पदार्थ बनते हैं रासायनिक  गुण धर्म में परिवर्तन हो जाता है
 उदाहरण  दूध से दही बनना  कागज का जलना कोयले का जलना



class 9 chapter 1 important question



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