हमारे आस पास के पदार्थ
Matter in our surrounding
पदार्थ / द्रव्य( Matter )
पदार्थ ब्रह्मांड का वह अवयव है जिसमें द्रव्यमान व आयतन होता है पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है यह स्थान घेरता है ।।पदार्थ से संबंधित महत्वपूर्ण पद (important terms)
द्रव्यमान (Mass )किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की वास्तविक मात्रा को उसका द्रव्यमान कहते हैं किसी वस्तु का द्रव्यमान सदैव निश्चित होता है स्थान पर परिवर्तन के साथ इसका मान परिवर्तित नहीं होता है इसे m द्वारा प्रदर्शित करते हैं
भार (weight )
पृथ्वी अपने कैंद्र की ओर वस्तुओं को जीस बल द्वारा आकर्षित करती है उसे भार कहते है स्थान परिवर्तन के साथ इसका मान बदलता है इसे w प्रदर्शित करते हैं
पदार्थ के कणों का गुण (properties of particles )
1. पदार्थ के कणों के मध्य रिक्त स्थान होता है।2. पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं अर्थात उनमें गतिज ऊर्जा होती है तथा तापमान बढ़ने से कणो कि गति तेज हो जाती है अतः यह कहा जा सकता है कि ताप की बृद्धि होने पर कणो की गतिज ऊर्जा बड़ जाती है।
3. पदार्थ के कणों के मध्य आकर्षण बल उपस्थित होते हैं जिसे अंतर आणविक बल कहते हैं
4. पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं
पदार्थ की अवस्थाएं (state of matter)
ठोस (solid )1. ठोस अवस्था जिसका आकार आयतन दोनों निश्चित होता है
2. ठोस का घनत्व कुछ होता है
3.ठोस पदार्थ सख्त या कठोर होते हैं
4.ठोस पदार्थ एक दूसरे से बंधे होते हैं जिससे वे कठोर होते हैं
5. ठोस पदार्थ में बहाव नहीं होता है ।
उदाहरण- कुर्सी मैज चॉक डस्टर लकड़ी पत्थर आदि
द्रव अवस्था (liquid matter )
1.द्रव का आकार अनिश्चित होता है
2. द्रव का आयतन निश्चित होता है
3. द्रव का घनत्व ठोस अपेक्षा कम होता है
4. द्रव पदार्थ बहते हैं इनके कण एक से दूर-दूर बंधे होते है तथा एक दूसरे पर घूमते हैं
5. द्रव पदार्थों का क्वथनांक निश्चित होता है
6.पदार्थों को विभाजित नहीं किया जा सकता परंतु बूंदो में परिवर्तित किया जा सकता है
उदाहरण- जल तेल
गैस अवस्था (Gas matter )
1. गैसों का दोनों आकार और आयतन अनिश्चित होता है
2. गैसों का घनत्व तो बहुत कम होता है
3. गैसों में बहाव होता है
4. इनके अणु स्वतंत्र रूप से तीव्र वेग से गमन करते रहते हैं
5. गैसों में अंतर आणविक स्थान अत्यधिक होता है
उदाहरण- CNG,LPG,आक्सीजन
नोट-जलेबी सा द्रव्य है जो तीनों भौतिक अवस्था ओं ठोस द्रव गैस में पाया जाता है
पदार्थ का अवस्था परिवर्तन (Changes of state of matter)
ताप या दाब के प्रभाव के कारण पदार्थ की एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन की प्रक्रिया को पदार्थ का अवस्था परिवर्तन कहते हैंअवस्था परिवर्तन में प्रयुक्त पद
गलन एवं गलनांक ( Melting and melting point)
ठोस द्रव अवस्था में परिवर्तित होने लगता है तो ठोस को द्रव परिवर्तित होने की क्रिया गलन कहलाती है
वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई ठोस ताप पर द्रव में परिवर्तित हो जाता है उस ठोस का गलनांक कहलाता है
हिमी करण एवं हिमांक ( freezing and freezing point )
जब किसी द्रव का ताप घटाया जाता है तो उसके कणो की गतिज उर्जा घटने लगती है तथा एक निश्चित आप पर या उससे नीचे इन कणो के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल प्रबल होने लगते हैं अतः तरह ठोस में प्रतीत होने लगता है द्रव के ठोस में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को हिमी करण कहते हैं वह निश्चित ताप जिस पर या क्रिया होती है हिमांक कहलाता है
क्वथन एवं क्वथनांक (Boiling and boiling point )
द्रव को गर्म करने पर उसका ताप बढ़ने लगता है निरंतर कार्य करते रहने पर एक ऐसी स्थिति है जहां द्रव का ताप स्थिर हो जाता है इस स्थिर ताप पर द्रव के भीतर वाष्प के बुलबुले उठने लगते हैं इस क्रिया को क्वथन कहते हैं वह निश्चित आप जिस पर यह क्रिया होती है क्वथनांक कहलाता है
उर्ध्वपातन ( sublimation )
जब ठोस पदार्थ सीधे गैश में परिवर्तित होता है उसे उर्ध्वपातन कहते हैं
वाष्पीकरण ( Evaporation )
क्वथनांक से नीचे किसी भी ताप पर द्रव की सतह से द्रव के कणो के वाष्प में परिवर्तन की क्रिया वष्कपीकरण कहलाती है।
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं
1. द्रव कार्यरत बलो की प्रबलता बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर कम हो जाती है
2. द्रव पृष्ठीय क्षेत्रफल बड़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है
3.तापमान या वायु की गति में वृद्धि होने पर वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है
4.वायुमंडल में आद्रता होने पर वाष्पीकरण की दर कम हो जाती है ।
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